संविधान सभा : महत्वपूर्ण तथ्य / Constituent Assembly : Important facts

संविधान सभा

संविधान सभा : महत्वपूर्ण तथ्य / Constituent Assembly : Important facts

संविधान सभा

संविधान सभा क्या है ?

संविधान सभा किसी भी देश की संविधान निर्मात्री सभा होती है। भारत के संविधान निर्माण के लिए राष्ट्रीय  आन्दोलन के दौरान मांग की गई थी। 1946 के कैबिनेट मिशन के द्वारा भारत में संविधान सभा के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ।

संविधान सभा की माँग

  • संविधान सभा के सिद्धांत का सर्वप्रथम दर्शन 1895 के ‘स्वराज्य विधेयक’ में होता है, जिसे बालगंगाधर तिलक के निर्देशन में तैयार किया गया था।
  • 1922 में इस विचार को महात्मा गांधी ने संविधान सभा रेखांकित किया था, जब उन्होंने कहा था कि – भारतीय संविधान भारतीयों की इच्छानुसार ही होगा।
  • 1924 में पं. मोतीलाल नेहरू ने ब्रिटिश सरकार के सम्मुख संविधान सभा के निर्माण की मांग प्रस्तुत की, किन्तु सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया एवं भारतीय को संविधान निर्माण करने के अयोग्य करार दिया।
  • इसके बाद औपचारिक रूप से संविधान सभा के विचार का प्रतिपादन एम.एन.राय (मानवेन्द्रनाथ राय)ने किया था।
  • भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने आधिकारिक तौर पर पहली बार, वर्ष 1934 में एक संविधान सभा की मांग की थी जब कांग्रेस वर्किंग  कमिटी ने ब्रिटिश ‘श्वेत पत्र’ को अस्वीकार किया।
  • 1936 में, कांग्रेस ने 1935 के भारत शासन अधिनियम को अस्वीकार करते हुए भारतियों के द्वारा निर्मित संविधान सभा के सम्बन्ध में एक प्रस्ताव पारित किया तथा किसी बाहरी शक्ति द्वारा निर्मित संविधान को अस्वीकार कर दिया।
  • 1938 में जवाहरलाल नेहरु ने भारत के संविधान निर्माण हेतु व्यस्क मताधिकार की बात कही।
  • 1939 में कांग्रेस के त्रिपुरी अधिवेशन में संविधान सभा से संबंधित प्रस्ताव पारित किया गया था।
  • सन् 1940 में लार्ड लिनलिथगो द्वारा अगस्त प्रस्ताव पेश किया गया, जिसमें पहली बार संविधान सभा की मांग स्वीकार किया गया था।

संविधान सभा का गठन कब और कैसे हुआ ?

  • 1946 में विभिन्न मुद्दों को लेकर कैबिनेट मिशन भारत आया। इसके प्रस्तावों के अनुसार जुलाई में संविधान सभा के गठन के लिए प्रत्येक 10 लाख की आबादी पर अप्रत्यक्ष रूप से व्यस्क मताधिकार द्वारा चुनाव हुए। 
  • संविधान सभा के सदस्यों की कुल संख्या 389 निश्चित की गई थी, जिनमें 292 ब्रिटिश प्रांतों के प्रतिनिधि, 4 चीफ कमिश्नर क्षेत्रों के प्रतिनिधि एवं 93 देशी रियासतों के प्रतिनिधि थें.
  • कैबिनेट मिशन की सिफारिश के आधार पर जुलाई 1946 में चुनाव सम्पन्न कराए गए जिसमे कांग्रेस ने 208, मुस्लिम लीग 73 और अन्य ने 15 सीटें जीते (कुल 296)।
  • प्रत्येक प्रांत की सीटों को तीन प्रमुख समुदायों- मुसलमान, सिख और सामान्य में उनकी जनसंख्या के अनुपात में बांटा गया था।
  • देशी रियासतों के प्रतिनिधियों का मनोनयन किया जाना था।

संविधान सभा मे कितने सदस्य थे?

  • भारत के विभाजन के बाद कुल सदस्यों 389 में से भारत में  299 ही रह गए। जिनमे 229 चुने हुए थे वहीं 70 मनोनीत थे। जिनमें महिला सदस्यों की संख्या 15 , अनुसचित जाति के 26, अनुसूचित जनजाति के 33 सदस्य थे।
  • संविधान सभा में सबसे अधिक 55 सदस्य संयुक्त प्रांत से  थे. जवाहरलाल ने संयुक्त प्रांत का प्रतिनिधित्व किया था।
  • संविधान सभा में देसी रियासतों में सबसे अधिक 7 प्रतिनिधि मैसूर के थे।
  • संविधान सभा में बिहार के कुल  36 प्रतिनिधि थे।

संविधान सभा की प्रथम बैठक

  • 9 दिसम्बर 1946 को इस संविधान सभा की प्रथम बैठक, नई दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन हॉल, जिसे अब संसद भवन के केंद्रीय कक्ष के नाम से जाना जाता है, में हुई जिसके अस्थायी अध्यक्ष डा. सच्चिदानंद सिन्हा को चुना गया क्योंकि वे सबसे वयोवृद्ध नेता थे. इस बैठक का मुस्लिम लीग तथा देशी राज्यों के सदस्यों ने इसमें भाग नहीं लिया।
  • संविधान सभा को सम्बोधित करने वाले प्रथम वक्ता आचार्य कृपलानी थे, जब इन्होने अस्थायी अध्यक्ष डा. सच्चिदानंद सिन्हा का परिचय कराया।
  • सचिदानंद सिन्हा ने फ्रैंक एंथोनी को उपाध्यक्ष नियुक्त किया था.
  • पहले बैठक में ही बंगाल से निर्वाचित सदस्य प्रसन्ना देव रैकूट को श्रद्धांजलि दी गई.
  • डा. सच्चिदानंद सिन्हा बिहार के प्रतिनिधि थे।
  • प्रारंभिक कार्यों में सभा ने 15 सदस्यीय एक समिति का गठन किया, जिसके कार्य कार्यविधि के नियम बनाने थे तथा इसके अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद थे।

संविधान सभा की प्रथम बैठक में कितने सदस्यों ने भाग लिया?

  • संविधान सभा में पहली बैठक  में 207 सदस्यों ने भाग लिया जिसमें से 9 महिलाएं थी। 

संविधान सभा में कितनी महिलायें थी?

  • संविधान सभा में कुल 15 महिलाओं ने भाग लिया तथा 8 महिलाओं ने संविधान पर हस्ताक्षर किए थे।
  • संविधान सभा के सदस्यों में बेगम एजाज रसूल एक मात्र मुस्लिम महिला थी. वह मुस्लिम लीग की सदस्य थी, बाद में जब मुस्लिम लीग भंग हुई तो वह कांग्रेस में शामिल हो गई.

संविधान सभा की बैठकें

  • 11 दिसम्बर 1946 को संविधान सभा की दूसरी बैठक हुई जिसमें डा. राजेन्द्र प्रसाद को स्थायी अध्यक्ष निर्वाचित किया गया तथा बी. एन. राव को संवैधानिक सलाहकार एवं हरेन्द्र कुमार मुखर्जी को उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया।
  • 13 दिसम्बर 1946 को जवाहर लाल नेहरू ने संविधान सभा में उद्देश्य प्रस्ताव पेश कर संविधान निर्माण का कार्य आरंभ किया, इस उद्देश्य प्रस्ताव को आगे 22 जनवरी 1947 को पारित किया गया।
  • संविधान सभा ने स्वतंत्र भारत के लिए संविधान का प्रारुप तैयार करने के कार्य को लगभग तीन वर्षों (दो वर्ष, ग्यारह माह और सत्रह दिन) में पूरा किया। इस अवधि के दौरान इसने ग्यारह सत्र आयोजित किए जो कुल 165 दिनों तक चले।
  • संविधान सभा ने 114 दिन संविधान के प्रारुप पर विचार-विमर्श में लगाए।
  • आगे वी टी कृष्णमचारी को संविधान सभा का दूसरा उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया।

संविधान सभा द्वारा भारतीय संविधान का निर्माण कार्य

  • भारतीय संविधान सभा ने संविधान निर्माण का कार्य समितियों के माध्यम से किया। 
  • बी. एन. राव(बेनेगल नरसिम्हा राव) और सच्चिदानंद सिन्हा ने भारतीय संविधान के प्रथम प्रारूप का निर्माण किया था।
  • बी. एन. राव द्वारा तैयार किए गए संविधान के प्रारूप पर विचार-विमर्श करने के लिए संविधान सभा द्वारा 29 अगस्त, 1947 को एक संकल्प पारित करके प्रारूप समिति का गठन किया गया तथा इसके अध्यक्ष के रूप में डॉ भीमराव अम्बेडकर को चुना गया. प्रारूप समिति में निम्नलिखित 7 सदस्य थे:
      1. डॉ. भीमराव अम्बेडकर
      2. एन. गोपाल स्वामी आयंगर
      3. अल्लादी कृष्णा स्वामी अय्यर
      4. कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी
      5. सैय्यद मोहम्मद सादुल्ला
      6. एन. माधव राव (बी.एल. मित्र के बीमारी की वजह से, एन. माधव राव को सदस्य बनाया गया)
      7. डी. पी. खेतान (1948 ई. में इनकी मृत्यु के बाद टी. टी. कृष्माचारी को सदस्य बनाया गया).

संविधान सभा का कार्य : अन्य

  • मई 1949 में राष्ट्रमंडल में भारत की सदस्यता का अनुमोदन किया गया.
  • 22 जुलाई 1947 को राष्ट्रीय ध्वज अपनाया.
  • 24 जनवरी 1950 को राष्ट्रीय गीत अपनाया.
  • राष्ट्रीय गान 24 जनवरी, 1950 को अपनाया गया.
  • भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 के द्वारा संविधान सभा सम्प्रभुता सम्पन्न निकाय बन गई एवं संविधान सभा संविधान सभा एवं विधायिका के रूप में कार्य करने लगी.  
  • 24 जनवरी 1950 को भारत के प्रथम राष्ट्रपति के रूप में डॉ राजेंद्र प्रसाद निर्वाचित हुए.
  • संविधान सभा जब संविधान निर्माण का कार्य करती थी तो उसकी अध्यक्षता राजेंद्र प्रसाद करते थे.
  • संविधान सभा जब विधायिका के रूप में कार्य करती थी तो उसकी अध्यक्षता गणेश वासुदेव मावलंकर करते थे.
  • 24 जनवरी 1950 को संविधान सभा की अंतिम बैठक हुई. इसके बाद नई संसद के निर्माण तक भारत के अंतरिम संसद के रूप में संविधान सभा ने अप्रैल 1952 तक कार्य किया. 

संविधान सभा की समितियां

प्रक्रिया विषयक नियमों संबंधी समितिराजेन्द्र प्रसाद
संचालन समितिराजेन्द्र प्रसाद
वित्त एवं स्टाफ समितिराजेन्द्र प्रसाद
प्रत्यय-पत्र संबंधी समितिअलादि कृष्णास्वामी अय्यर
आवास समितिबी पट्टाभि सीतारमैय्या
कार्य संचालन संबंधी समितिके.एम. मुन्शी
राष्ट्रीय ध्वज संबंधी तदर्थ समितिराजेन्द्र प्रसाद
संविधान सभा के कार्यकरण संबंधी समितिजी.वी. मावलंकर
राज्यों संबंधी समितिजवाहर लाल नेहरू
मौलिक अधिकार, अल्पसंख्यक एवं जनजातीय और अपवर्जित क्षेत्रों संबंधी सलाहकार समितिवल्लभ भाई पटेल
अल्पसंख्यकों के उप-समितिएच.सी. मुखर्जी
मौलिक अधिकारों संबंधी उप-समितिजे. बी. कृपलानी
पूर्वोत्तर सीमांत जनजातीय क्षेत्रों और आसाम के अपवर्जित और आंशिक रूप से अपवर्जित क्षेत्रों संबंधी उपसमितिगोपीनाथ बारदोलोई
अपवर्जित और आंशिक रूप से अपवर्जित क्षेत्रों (असम के क्षेत्रों को छोड़कर) संबंधी उपसमितिए.वी. ठक्कर
संघीय शक्तियों संबंधी समितिजवाहर लाल नेहरू
संघीय संविधान समितिजवाहर लाल नेहरू
प्रारूप समितिबी.आर. अम्बेडकर

 

  • संविधान सभा की सदस्यता अस्वीकार करने  वालों में महात्मा गांधी, जय प्रकाश नारायण तथा तेज बहादुर सप्रू प्रमुख हैं।
  • वर्ष 2015 से 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है.

 

संविधान सभा के अभ्यास प्रश्न 

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