विश्व की नहर प्रणाली : World’s 15 Important canal system

विश्व की नहर प्रणाली

विश्व की नहर प्रणाली

विश्व की नहर प्रणाली के संबंध में विभिन्न परीक्षाओं में उनके द्वारा जोड़ने वाले सागर/समुद्र अथवा स्थान के विषय में पूछा जाता है। नहर प्रणाली का उपयोग व्यापार के साथ साथ परिवहन के लिए किया जाता है।

विश्व की नहर प्रणाली : सूचि

विश्व की प्रमुख नहरें
क्र सं नहर का नाम स्थिति जोड़ती है
1सू नहरसं.रा.अमेरिका- सुपीरियर झील को ह्यूरन झील से
2ईरी नहरसं.रा.अमेरिका -ईरी झील को मिशीगन झील से
3गोटा नहरस्वीडन- स्टॉकहोम और गोटेनवर्ग के बीच।
4कील नहरजर्मनी- उत्तरी सागर और बाल्टिक सागर को।
5उ. सागर नहरजर्मनी- उत्तरी सागर व एम्सटरडम सागर को।
6मैनचेस्टर नहरग्रेट ब्रिटेन- मैनचेस्टर और लिवरपुल के बीच।
7न्यू वाटर वेजर्मनी- उत्तरी सागर और राटरडाम के बीच।
8वोल्गा डान नहररूस- रोस्टोव और स्टालिनग्राड के बीच।
9बेलैण्ड नहरअमेरिका- ईरी और ओण्टोरियो के बीच।
10 स्वेज नहर मिस्र-लाल सागर एवं भूमध्य सागर के बीच।
11 पनामा नहरपनामा- कैरीबियन सागर और प्रशांत महासागर।
12 अल्बर्ट नहरपश्चिमी यूरोप- एण्टवर्प लीग तथा वेनेलक्स को जोड़ती
13  स्टालिन नहर बाल्टिक सागर को आर्कटिक सागर से जोड़ती है
14 राइन-मेन-डेन्यूब नहरउत्तरी सागर को काला सागर से जोड़ती है 

 

महत्वपूर्ण  नहर :

  • पनामा नहर : इस नहर को पनामा देश के स्थलखंड को काटकर प्रशांत महासागर और अटलांटिक महासागर (कैरेबियन सागर) को जोड़ने के लिए बनाया गया है। प्रशांत महासागर के तट पर पनामा एवं कैरेबियन तट पर कोलोन पत्तन अवस्थित है।
  • स्वेज नहर : यह विश्व की सबसे बड़ी नहर है जो भूमध्यसागर को लाल सागर से जोड़ती है। इस नहर को फर्डिनेंड-द-लेसेप्स  के निर्देशन में  1869 ई ० में तैयार किया जो मिस्र की नील घाटी तथा सिनाई प्रायद्वीप को पृथक करती है। इस नहर का सबसे उत्तरी पत्तन पोर्ट सईद तथा दक्षिणतम पत्तन पोर्ट स्वेज है। इसकी लंबाई 162 किलो मीटर है। 1956 में मिस्र की सरकार ने इसका राष्ट्रीयकरण कर दिया था।

इस नहर की कंपनी “स्वेज़ कैनाल कम्पनी”, में पहले फ्रांस, तुर्की, मिस्र और अन्य अरब देशों के शेयर थे जिसमें आगे इंग्लैंड भी शामिल हो गया।  1904 में अंग्रेजों ने इसे अपने प्रभाव में ले लिया। 1947 ई॰ में स्वेज कैनाल कम्पनी और मिस्र सरकार के बीच यह निश्चय हुआ कि कम्पनी के साथ 99 वर्ष का पट्टा रद्द हो जाने पर इसका स्वामित्व मिस्र सरकार के हाथ आ जाएगा।

1951 में मिस्र में हुए ब्रिटिश विरोधी आंदोलन के बाद मिस्र ने इस नहर का 1956 में राष्ट्रीयकरण कर इसे अपने पूरे अधिकार में कर लिया।

  • स्टालिन नहर : इसे स्वेत बाल्टिक नहर के नाम से जाना जाता है। यह नहर बाल्टिक सागर को आर्कटिक सागर से जोड़ती है।
  • सेंट लारेंस जलमार्ग : यह जलमार्ग उत्तरी अमेरिका के महान झील से जुड़ा है एवं कुल 3760 कि० मी० की दूरी तक आंतरिक भागों में समुद्री जहाजों का यातायात संभव बनाता है। इसी जलमार्ग के कारण महान झील के पास के बंदरगाहों का विकास हो पाया तथा आर्थिक रूप से यह क्षेत्र विकसित हो पाया।
  • कनाल डु मुडी – दक्षिण फ्रांस स्थित यह नहर संपर्क भू मध्यसागर को अटलांटिक सागर से जोड़ती है। पूर्व में इसे रॉयल कनाल के नाम से जाना जाता था किन्तु फ्रांसीसी क्रांति के समय इसे वर्तमान नाम दिया गया। इसे 17वीं शताब्दी का सबसे महान निर्माण कार्य माना जाता है।  

 इसका निर्माण कार्य 1667 में आरंभ हुआ तथा 1681 में पूर्ण हुआ। 1996 में इसे यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटिज का दर्जा दिया। 

  • ग्रांड कनाल : चीन स्थित इस नहर की लंबाई 1,776 कि०मी० है तथा जो येलो नदी को यांगजी नदी से जोड़ती है। यह विश्व की सबसे बड़ी नहर या आर्टिफ़िशियल रिवर (काल्पनिक/मानव निर्मित नदी ) है। इसे कई काल खंड में बनाया गया। इसे 2014 में इसे यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटिज का दर्जा दिया। 

इस नहर का विकास चीन के सुइ साम्राज्य के अंतर्गत मुख्य रूप से हुआ। इसके माध्यम से उत्तरी एवं दक्षिणी चीन का  एकीकरण संभव हो पाया।

‘ग्रेट लीप फॉरवर्ड’ के दौरान ग्रैंड कैनाल ने एक प्रमुख भूमिका निभाई क्योंकि इसने अनाज के परिवहन के लिए एक कुशल तरीका प्रदान किया।

 

 

 

 

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