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राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Right Commission)
अक्तूबर, 1991 में पेरिस में मानव अधिकार संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए राष्ट्रीय संस्थानों पर आयोजित पहली अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के गठन का प्रस्ताव किया गया था। आगे 20 दिसम्बर, 1993 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा संकल्प 48/134 के रूप में समर्थित किया गया था।
पेरिस सिद्धांतों के अनुरूप भारत में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का गठन 12 अक्तूबर, 1993 को हुआ था।
उल्लेखनीय है कि भारत के संविधान में मानवाधिकार के लिए अलग से कोई प्रावधान नहीं किया गया है बल्कि इसे मौलिक अधिकार के अंतर्गत समाहित माना गया।
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग एक वैधानिक आयोग है जो संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकारों जैसे स्वतंत्रता का अधिकार, समानता का अधिकार, जीवन का अधिकार विभेद के निषेध का अधिकार आदि की रक्षा करता है।
मानवाधिकार आयोग की पृष्ठभूमि
थॉमस पेन, जॉन स्टुअर्ट मिल और हेगेल जैसे दार्शनिकों ने 18वीं और 19वीं शताब्दी के दौरान सार्वभौमिकता के विषय पर विस्तार से प्रकाश डाला।
1831 में विलियम लॉयड गैरीसन ने “द लिबरेटर” नामक एक समाचार पत्र में “The great cause of human rights” के अधीन अपने पाठकों को मानवाधिकारों के विषय में बताने की कोशिश कर रहे थे।
मानव अधिकार शब्द शायद पाइन (Thomas Paine) के द राइट्स ऑफ मैन और गैरीसन के प्रकाशन के बीच किसी समय उपयोग में आया।
1864 में जिनेवा सम्मेलनों ने अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून की नींव रखी, जिसे दो विश्व युद्धों के बाद और विकसित किया गया।
संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 10 दिसंबर, 1948 को पेरिस में मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा (Universal Declaration of Human Rights- UDHR) को अपनाया गया था।
इसिलिय 10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस के रूप में मनाया जाता है।
1991 में पेरिस में हुई संयुक्त राष्ट्र की बैठक ने सिद्धांतों का एक समूह (जिन्हें पेरिस सिद्धांतों के नाम से जाना जाता है) तैयार किया जो आगे चलकर राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थाओं की स्थापना और संचालन की नींव साबित हुए।
इन्हीं अधिकारों का अनुसरण करते हुए भारत में मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 बनाया गया।
मानवाधिकार क्या है ?
संयुक्त राष्ट्र (UN) की परिभाषा के अनुसार मानवाधिकार जाति, लिंग, राष्ट्रीयता, भाषा, धर्म या किसी अन्य आधार पर भेदभाव किये बिना सभी को प्राप्त हैं।
मानवाधिकारों में मुख्यतः जीवन और स्वतंत्रता का अधिकार, गुलामी और यातना से मुक्ति का अधिकार, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार और काम एवं शिक्षा का अधिकार आदि शामिल हैं।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग : संरचना
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग एक 7 सदस्यीय संस्था है जिसके अध्यक्ष सहित सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाति है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल 5 वर्षों या 70 वर्ष की उम्र, जो भी पहले हो, तक होता है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के कार्य और शक्तियाँ
मानवाधिकारों के उल्लंघन से संबंधित कोई मामला यदि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के संज्ञान में आता है तो राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) को उसकी जाँच करने का अधिकार है।
इसके पास मानवाधिकारों के उल्लंघन से संबंधित सभी न्यायिक मामलों में हस्तक्षेप करने का अधिकार है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) संविधान या किसी अन्य कानून द्वारा मानवाधिकारों को बचाने के लिये प्रदान किये गए सुरक्षा उपायों की समीक्षा कर सकता है और उनमें बदलावों की सिफारिश भी कर सकता है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) मानवाधिकार के क्षेत्र में अनुसंधान का कार्य भी करता है।
आयोग प्रकाशनों, मीडिया, सेमिनारों और अन्य माध्यमों से समाज के विभिन्न वर्गों के बीच मानवाधिकारों से जुड़ी जानकारी का प्रचार करता है और लोगों को इन अधिकारों की सुरक्षा के लिये प्राप्त उपायों के प्रति भी जागरूक करता है।
आयोग के पास दीवानी अदालत की शक्तियाँ हैं और यह अंतरिम राहत भी प्रदान कर सकता है।
इसके पास मुआवज़े या हर्जाने के भुगतान की सिफ़ारिश करने का भी अधिकार है।
यह राज्य तथा केंद्र सरकारों को मानवाधिकारों के उल्लंघन को रोकने के लिये महत्त्वपूर्ण कदम उठाने की सिफ़ारिश भी कर सकता है।
आयोग अपनी रिपोर्ट भारत के राष्ट्रपति के समक्ष प्रस्तुत करता है जिसे संसद के दोनों सदनों में रखा जाता है।
मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष
S.No. | Name | Designation | Period |
1 | Justice Shri Ranganath Misra | Chairperson | 12.10.1993-24.11.1996 |
2 | Justice Shri M.N. Venkatachalliah | Chairperson | 26.11.1996-24.10.1999 |
3 | Justice Shri J.S. Verma | Chairperson | 04.11.1999-17.1.2003 |
4 | Dr. Justice A.S. Anand | Chairperson | 17.2.2003-31.10.2006 |
5 | Justice Dr. Shivaraj V. Patil | Acting Chairperson | 01.11.2006-01.04.2007 |
6 | Shri Justice S. Rajendra Babu | Chairperson | 02.04.2007-31.05.2009 |
7 | Shri Justice Govind Prasad Mathur | Acting Chairperson | 01.06.2009-06.06.2010 |
8 | Justice Shri K.G. Balakrishnan | Chairperson | 07.06.2010 – 11.05.2015 |
9 | Shri Justice H. L. Dattu | Chairperson | 29.02.2016-02.12.2020 |
10 | Shri Justice Arun Kumar Mishra | Chairperson | 02.06.2021-……… |