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बिहार के राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्यों की सूची / List of National Parks & Wildlife Sanctuaries of Bihar
बिहार के राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्यों की सूची / List of National Parks & Wildlife Sanctuaries of Bihar ब्लॉग के अंतर्गत बिहार में वन्य जीवों के संरक्षण के लिए स्थापित राष्ट्रीय पार्क एवं अभ्यारण्यों को शामिल किया गया है. सामान्यत: बिहार के राष्ट्रीय उद्यान और बिहार के अभयारण्यों की सूची के जिले से सम्बन्धित प्रश्न पूछे जाते हैं, इसके अतिरिक्त अन्य महत्वपूर्ण तथ्यों का भी समावेश किया गया है.
बिहार में वन्य जीव संरक्षण / Wild life conservation in Bihar के लिए प्रयास स्वतंत्रता के बाद से ही आरम्भ हो गया. बिहार में वर्तमान समय में एक राष्ट्रीय उद्यान (National Park) एवं 12 वन्य जीव अभयारण्य (Wildlife Sanctuaries) हैं। बिहार का एकमात्र राष्ट्रीय उद्यान, वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान (Valmiki National Park) , पश्चिमी चंपारण में स्थित है, इसकी स्थापना वर्ष 1989 ई. है।
बिहार के राष्ट्रीय उद्यान(National Park of Bihar)
बिहार के वन्य जीव अभ्यारण्य(Wildlife Sanctuaries of Bihar)
- Barela Jheel Salim Ali Bird Wild Life Sanctuary
- Bhimbandh Wild Life Sanctuary
- Gautam Budha Wild Life Sanctuary
- Kanwarjheel Wild Life Sanctuary
- Kaimur Wild Life Sanctuary
- Kusheshwar Asthan Bird Wild Life Sanctuary
- Nagi Dam Wild Life Sanctuary
- Nakti Dam Wild Life Sanctuary
- Pant (Rajgir) Wild Life Sanctuary
- Udaipur Wild Life Sanctuary
- Valmiki Wild Life Sanctuary
- Vikramshila Gangetic Dolphin Wild Life Sanctuary
बिहार का राष्ट्रीय उद्यान National Park of Bihar
बिहार का एकमात्र राष्ट्रिय उद्यान पश्चिम चंपारण स्थित वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान है। वाल्मीकि नगर, बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के सबसे उत्तरी भाग में नेपाल की सीमा के पास बेतिया से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह पार्क उत्तर में नेपाल के रॉयल चितवन नेशनल पार्क और पश्चिम में हिमालय पर्वत की गंडक नदी से घिरा हुआ है।
वाल्मीकिनगर से करीब पांच किलोमीटर दूर दरुआबारी गांव के समीप वीटीआर के जंगल में बौद्ध इतिहास के महत्वपूर्ण साक्ष्य जमींदोज हैं। दरुआबारी गांव में थारू व जनजाति समुदाय के लोग रहते हैं। चंपारण गजेटियर के अनुसार, चीनी यात्री ह्वेनसांग सातवीं सदी में यहां आया था। उसने यात्रा वृतांत में दरुआबारी को रामग्राम बताया है। कहा जाता है कि यहां बड़ा बौद्ध स्तूप था। उल्लेखनीय है कि बुद्ध के निर्वाण के बाद उनके शरीर के अवशेष (अस्थियां) को आठ भागों में विभाजित कर आठ स्तूप बनाए गए थे। ये कुशीनगर, पावागढ़, वैशाली, कपिलवस्तु, रामग्राम, अल्लकल्प, राजगृह और बेटद्वीप में बने थे। रामग्राम का अभी पता नहीं है। कुछ विद्वानों का मानना है कि रामग्राम वाल्मीकि नगर के पास स्थित दरुआबारी गाँव में ही था। हालांकि जबतक विस्तृत खुदाई नहीं की जाती है तबतक इसे नहीं माना जा सकता।
वाल्मिकीनगर राष्ट्रीय उद्यान के एक छोड़ पर महर्षि बाल्मिकी का वह आश्रम है जहाँ राम के त्यागे जाने के बाद देवी सीता ने आश्रय लिया था। सीता ने यहीं अपने ‘लव’ और ‘कुश’ दो पुत्रों को जन्म दिया था। महर्षि वाल्मिकी ने हिंदू महाकाव्य रामायण की रचना भी यहीं की थी।
बिहार में वन्य जीव संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण स्थलों के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण तथ्य :-
- विक्रमशिला गंगा डॉल्फिन अभ्यारण्य बिहार के भागलपुर जिला के कहलगांव में है जिसे गंगा की डॉल्फिन की सुरक्षा के लिए बनाया गया है। गंगा की डॉल्फिन (गंगेटिक डॉल्फिन / प्लेटेनिस्टा गेंगेटिका) भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव है, जिसे सोंस अथवा सुसु (सूंस ) भी स्थानीय स्तर पर कहा जाता है। पर्यावरण और वन मंत्रालय ने राष्ट्रीय एक्वाटिक पशु के रूप में 18 मई 2010 को गंगा नदी डॉल्फिन अधिसूचित किया। यह स्तनधारी जंतु गंगा की शुद्धता को भी प्रकट करता है, क्योंकि यह केवल शुद्ध और मीठे पानी में ही जीवित रह सकता है।
- सरेयामन पक्षी विहार पश्चिम चंपारण जिला में बेतिया के पास स्थित है। इस झील का पानी पाचन के लिए उपयुक्त माना जाता है क्योंकि इसके किनारे पर लगाए गए जामुन के वृक्ष के फल /जामुन झील में गिर जाते हैं।
- बक्सर पक्षी विहार बिहार के बक्सर जिला में हैं। इस पक्षी विहार में अक्टूबर महीने में लालशर पक्षी कश्मीर से प्रवास कर आते हैं तथा मार्च में पुनः वापस लौट जाते हैं।
- सलीम अली जुब्बा सहनी बर्ड सैंक्चुअरी वैशाली जिला के पातेपुर ब्लाक स्थित बरैला झील में है । बरैला झील का क्षेत्र एक आद्र भूमि (वेटलैंड) क्षेत्र है जहाँ देश विदेश से बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं। अक्टूबर के पहले सप्ताह से ही बरैला में साइबेरिया और यूरोप से नाना प्रकार के पक्षी आने लगते थे। उन पक्षियों को स्थानीय नामों से पहचाना और जाना जाता है। डुम्मर (नेट्टारूफाइन), खेसराज (कूट), घई (शिखी पोचर्ड), पनगुदरी (वैजूलक), लालसर, दिघौच, मैलठा, क्योट, चकवा, चाही, आदि कई प्रजातियों के पक्षी फरवरी के अंत तक इस झील क्षेत्र में प्रवास करते हैं। मार्च से इनका लौटना शुरू हो जाता है। प्रवासी पक्षियों का शिकार, झील क्षेत्र में पानी की कमी और स्थानीय स्तर पर देसरिया धान (प्रवासी पक्षियों का मुख्य भोजन) के उत्पादन में भारी कमी ऐसे कारण बन रहे हैं जिसके चलते प्रवासी पक्षियों ने बरैला झील क्षेत्र से मुंह मोड़ना शुरू कर दिया है।
- पनार/अररिया डाल्फिन अभ्यारण्य प्रस्तावित है। गंगा नदी के बाद अररिया जिले से होकर बहने वाली सबसे प्रमुख नदी पनार में जलीय प्राणी डॉल्फिन सबसे ज्यादा पाए जाते हैं. पनार में 35 से ज्यादा की संख्या में डॉल्फिन मौजूद हैं.
बिहार में वन्य जीवों के सरक्षण के लिए किये गए प्रयास :-
अभ्यारण्य | स्थान | प्रारम्भ | क्षेत्रफल (वर्ग किमी.) | संबंधित जीव/ विशिष्ट तथ्य |
भीमबांध | मुंगेर और जमुई जिले की सीमा पर | 1976 | 681.99 | बाघ, तेंदुआ, चीता,बनैल सुअर, सांभर |
संजय गांधी जैविक उद्यान | पटना | 1973 | 0.67 | गैंडा प्रजनन के लिए प्रसिद्ध |
सरेयामन पक्षी विहार | बेतिया (प० चंपारण) | पानी पाचन में उपयोगी | ||
विक्रमशिला गंगा डाॅल्फिन अभ्यारण्य | भागलपुर | 1990 | 0.50 | |
बक्सर पक्षी विहार | बक्सर | लालशर पक्षी | ||
सलीम अली-जुब्बा सहनी बर्ड सैंक्चुरी | वैशाली | 1997 | 1.96 | बरैला झील में |
राजगीर अभ्यारण्य | राजगीर | 1978 | 35.84 | काकड़, लंगूर, हिरन नीलगाय,चीता |
वाल्मीकिनगर राष्ट्रीय उद्यान | पं. चम्पारण | 1989 | 544.67 | |
गौतम बुद्ध अभ्यारण्य | गया | 1971 | 259.50 | बाघ, चीता, सांभर, चीतल,नीलगाय |
कांवरझील पक्षी विहार | बेगूसराय | 1989 | 63.11 | |
कुशेश्वर पक्षी विहार | दरभंगा | 29.23 | ||
गोगाबिल पक्षी विहार | कटिहार | 1990 | 0.88 | |
नक्टी एवं नगी पक्षी विहार | जमुई | 1987 | 3.32 | |
पनार डाल्फिन अभ्यारण्य | अररिया | प्रस्तावित | ||
हरियाबार हिरण पार्क | अररिया | |||
सुहियान पक्षी विहार | भोजपुर | |||
कैमूर अभ्यारण्य | भभुआ | 1979 | 1342 | |
उदयपुर अभ्यारण्य | पं. चम्पारण | 1978 | 8.87 |
अन्य परीक्षोपयोगी खंड:-
आधुनिक बिहार का इतिहास : महत्वपूर्ण तथ्य / History of Modern Bihar : Important Facts
प्राचीन बिहार का इतिहास : प्रमुख तथ्य / History of Ancient Bihar: Important Facts