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अशोक के अभिलेख (Ashok ke Abhilekh) || अशोक के 14 शिलालेख || शिलालेख

अशोक के अभिलेख (Ashok ke Abhilekh) या अशोक के 14 शिलालेख

अशोक के अभिलेख (Ashok ke Abhilekh) जिनमें अशोक के 14 शिलालेख सर्वप्रमुख हैं तथा  इससे अशोक की नीतियाँ, प्रजा कल्याण के कार्य, सामाजिक स्थिति आदि की जानकारी प्राप्त होती है. 

शिलालेख का प्रचलन प्राचीन काल में सर्वप्रथम अशोक ने किया था. अशोक प्रथम भारतीय शासक है जिसने अभिलेखों के माध्यम से जनता तक अपनी बात पहुंचाई एवं अभिलेख उसके राज्यादेश थे. 

अशोक की राजाज्ञाएं चट्टानों एवं बलुआ पत्थर के ऊँचे स्तंभों पर खोदी गई है, इन स्तभों की पोलिश उत्कृष्ट हैं जिससे यह शीशे की तरह चमकती हैं. प्रत्येक स्तम्भ के ऊपर (सिर पर) हाथी, सांड या सिंह की प्रतिमा बनवाई गई थी. 

अशोक के अभिलेखों का वर्गीकरण:

अशोक के अभिलेखों का वर्गीकरण उनके जारी करने के स्थल के आधार पर निम्न वर्गों में किया जा सकता है:-

शिलालेख :- इन्हें 2 वर्गों वृहद शिलालेख एवं लघु शिलालेख में रखा जाता है. अशोक के 14 शिलालेख हैं जो आठ स्थलों से प्राप्त हुए हैं एवं इन्हें वृहद शिलालेख कहा जाता है.  लघु शिलालेखों की संख्या 7 है जो 6 स्थानों से प्राप्त हुए हैं. 

स्तम्भ लेख :- अशोक के वैसे अभिलेख स्तम्भ पर अंकित किये गए थे.  इनके अंतर्गत दीर्घ स्तम्भलेख एवं लघु स्तंभलेख आते हैं.

गुहा लेख :- वैसे लेख जो गुफाओं में उत्कीर्णित की गयी थी. 

अशोक के 14 शिलालेख

अशोक के 14 शिलालेख विभिन्‍न लेखों का समूह हैं जो आठ भिन्‍न-भिन्‍न स्थानों से प्राप्त किए गये हैं।

शिलालेख वर्णित विषय
प्रथम
  • पशुबलि की निन्दा
  • सभी मनुष्य मेरी संतान हैं
  • समाज(उत्सव) का निषेध
द्वितीय
  • मनुष्य एवं पशु दोनों की चिकित्सा व्यवस्था एवं लोक कल्याणकारी कार्य का उल्लेख
  • सीमा पर स्थित चोल, पांड्य, सतियपुत्त एवं केरलपुत (चेर) का उल्लेख
तृतीय
  • राजकीय अधिकारियों (युक्त, रज्जुक और प्रादेशिक) को प्रत्येक पांच वर्ष के दौरे पर जाने के निर्देश, कुछ धार्मिक नियमों का उल्लेख
चतुर्थ
  • भेरीघोष के स्थान पर धम्मघोष की घोषणा एवं धम्मनीति के द्वारा अनैतिकता, हिंसा एवं ब्राह्मणों एवं श्रमणों के प्रति निरादर की प्रवृत्ति रोकने का उल्लेख
पंचम
  • धर्म-महामात्रों की नियुक्ति के विषय में जानकारी
  • मौर्यकालीन समाज एवं वर्णव्यवस्था की जानकारी
षष्ठ
  • धर्म-महामात्रों के लिए आदेशों का उल्लेख, आत्मनियंत्रण की शिक्षा
सातवां
  • सभी संप्रदायों में पारस्परिक सहिष्णुता
आठवां
  • अशोक की तीर्थयात्राओं का उल्लेख एवं सार्वजनिक निर्माण कार्यों का वर्णन
  • अशोक के बोधगया भ्रमण का उल्लेख
नवां
  • सच्ची भेंट एवं सच्चे शिष्टाचार का उल्लेख
  • धम्म समाराहों की चर्चा
दसवां
  • राजा तथा उच्च अधिकारियों को हमेशा प्रजा के हित में सोचने का निर्देश
  • ख्याति एवं गौरव की निंदा तथा इसके जगह धम्म पर बल
ग्यारहवां
  • धम्म नीति की व्याख्या
बारहवां
  • धार्मिक सहिष्णुता की नीति का उल्लेख एवं धम्म विजय की विशेषताओं का वर्णन
  • स्त्री महामात्र की चर्चा
तेरहवां
  • कलिंग युद्ध का वर्णन एवं अशोक के हृदय परिवर्तन की बात कही गई
  • पड़ोसी राजाओं का वर्णन
  • आटविक जातियों का उल्लेख
चौदहवां
  • अशोक ने जनता को धार्मिक जीवन जीने के लिए प्रेरित किया

 

अशोक के शिलालेख एवं उसकी भाषा

अशोक के शिलालेख मुख्यत: ब्राह्मी लिपि में हैं. 

अशोक के शिलालेख की भाषाएँ प्राकृत थी क्योंकि यह आम जनता की भाषा थी, इसके अलावे कुछ राजाज्ञाएं यूनानी एवं अफगानी भाषाओँ में भी खुदवाई.           

क्र सं ० प्राप्तिस्थल लिपि जिला/राज्य
1 शहबाजगढ़ी खरोष्ठी पेशावर (पाकिस्तान)
2 मनसेहरा खरोष्ठी हजारा (पाकिस्तान)
3 कालसी ब्राह्मी देहरादून (उत्तराखण्ड)
4 जूनागढ़ ब्राह्मी गिरिनार (सौराष्ट्र)
5 सोपारा ब्राह्मी थाना (महाराष्ट्र)
6 धौली ब्राह्मी पुरी (उड़ीसा)
7 एर्रगुड़ी ब्राह्मी हैदराबाद (आंध्रप्रदेश)
8 जौगढ़ ब्राह्मी गंजाम (उड़ीसा)

 

अशोक के शिलालेखों में उल्लेखित महत्वपूर्ण तथ्य:

मौर्यकालीन करारोपण प्रणाली की जानकारी रुमिनदेई अभिलेख से मिलती है.

नेपाल की तराई से अशोक के दो अभिलेख  मिले हैं- रुमिनदेई एवं निग्लिवा स्तंभ लेख

भाब्रू लघु शिला लेख में अशोक के बौद्ध होने का प्रमाण मिलता है जिसमें अशोक के धम्म का उल्लेख है तथा वह बुद्ध, धम्म तथा संघ का अभिवादन करता है. यह अशोक का सबसे लम्बा स्तंभ लेख है.

साँची और सारनाथ लघु स्तंभ लेख  में संघ में फूट  डालने वालों को चेतावनी दी गई है. 

मास्की के लघु शिलालेख में अशोक ने स्वयं को ‘शुद्ध शाक्य’ कहा है. 

कौशाम्बी एवं प्रयाग के स्तंभ लेख जिन्हें रानी  का अभिलेख भी कहा जाता है. 

अशोक के शिलालेखों में उल्लेखित गणराज्य

योन कन्नौज कम्बोज गंधार अपरांत
नायक भोज आंध्र राष्ट्रिक पितनिक
पर्दा

 

अशोक के लघु स्तम्भ-लेख

अशोक की राजकीय घोषणाएँ कुछ स्तम्भों पर उत्कीर्ण हैं जिन्हें लघु स्तम्भ लेख कहा जाता है जो निम्न स्थलों से प्राप्त हुए हैं-

क्र सं प्राप्ति स्थल जिला
1 सांची रायसेन (मध्य प्रदेश)
2 सारनाथ वाराणसी (उत्तर प्रदेश)
3 रूभ्मिनदेई रूभ्मिनदेई (लुम्बनी) नेपाल के तराई में
4 कौशाम्बी इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश)
5 निग्लीवा नेपाल के तराई में
6 ब्रह्मगिरि चितलदुर्ग (कर्नाटक) – मैसूर के पास
7 सिद्धपुर चितलदुर्ग (कर्नाटक)
8 जतिंग रामेश्‍वर चितलदुर्ग (कर्नाटक)
9 एरागुडि कूर्नुल (आन्ध्र प्रदेश)
10 गोविमठ मैसूर
11 पालकिगुण्क मैसूर
12 राजूल मंडागिरि कूर्नुल
13 अहरौरा मिर्जापुर (उत्तर प्रदेश)
14 नेतुर मैसूर

 

अशोक स्तंभों की आकृतियां

अशोक स्तंभ आकृति
बसाढ़ स्तंभ सिंह
सकिसा हाथी
रामपुरवा सांड
लौरिया नंदनगढ़ सिंह
सांची चारसिंह
सारनाथ चारसिंह व गज, अश्व, बैल

 

अशोक द्वारा भेजे गए बौद्ध के प्रचारक

प्रचारक क्षेत्र
मज्झिम हिमालय
रक्षित वनवासी
धर्मरक्षित अपरांत
महारक्षित यवन राज्य
महादेव महिष मंडल
सोना व उत्तरा सुवर्णभूमि
महाधर्म रक्षित महाराष्ट्र
मज्झंतिक कश्मीर-गांधार
महेंद्र व संघमित्रा श्रीलंका

 

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